Leave a Comment / Poetries / By AkshiniBhatnagar अंदाज़ तदबीरों से अरमान सँवरते देखे हैं,तकरीरों से अल्फाज़ सुलगते देखे हैं,तकदीरें बदले जो पहलू तो तस्वीरों के अंदाज़ बदलते देखे हैं. अक्षिणी भटनागर