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आप के पाप..

ये आप के पाप,
दिल्ली के हैं श्राप
दिल्ली तुझको,
करना होगा पश्चाताप

ये आप के आप,
नोट रहे हैं छाप
आस्तीन के साँप,
और साँपों के बाप

ये आप के आप,
काम हैं इनके झाड़ू छाप
जनता रखती सबकी माप,
नहीं करेगी अबकी माफ

ये आप के आप,
एल जी निकले आप के बाप,
कान के नीचे दे दी झाप
आप के आप अब रस्ता नाप

अक्षिणी भटनागर

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