Leave a Comment / Poetries / By AkshiniBhatnagar आभार.. सब स्वरों में ओम तुम हो,नश्वरों में प्राण तुम. ज्योति का आह्वान तुमसे,हो सकल संसार तुम. अग्नि का संधान तुमसे,वायु का संचार तुम. सब सत्य तुम हो भ्रम भी तुम,सब ज्ञान तुमसे विज्ञान तुम. स्वस्ति का संज्ञान तुमसे,सृष्टि का आधार तुम. सब स्वप्न हैं साकार तुमसेहो धरा आकाश तुम. हैं सभी संस्कार तुमसे,सोलहों श्रंगार तुम. है ऋणी संसार सारा,शक्ति का सत्कार तुम.हे ईश्वर जो तुमने दिया है उसके लिए आभार..और जो नहीं मिला वह भी तुम्हें समर्पित.. अक्षिणी भटनागर